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New CDS Lt. General (Retd.) Shri Anil Chauhan information in Garhwali । लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवा निवृत्त) श्री अनिल चौहान

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लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवा निवृत्त)  श्री अनिल चौहान ते भारत सरकार द्वारा नयो सी डी एस ( चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) नियुक्त कियूं गयुं छ। यु पद जनरल बिपिन रावत कु मृत्यु क बाद पिछला 10 महीना बिटि खाली पडयूं छयाई।  लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवा निवृत्त)  श्री अनिल चौहान कु बारे मा कुछ तथ्य : जन्म : 18 मई 1961 जन्म स्थान : पौड़ी गढ़वाल पढ़ाई यून कोलकता बिटी कीं छ | 1981 मा युंते 11 गोरखा राइफल्स मा कमीशन किये गयै। 2021 मा यूं ईस्टर्न आर्मी कमांडर कु तौर पर रिटायर ह्वी गेन। योंन संयुक्त राष्ट्र कु अंगोला मिशन मा भाग लियाई। सी डी एस क्या करदु : यू डिफेंस मंत्रालय कु सबसे बडू अधिकारी ह्वांद।यू सरकार ते मिलिट्री सलाह देणु वाल एक बिंदु संपर्क होन्दू जो तीनों सेनाओं कु तरफ बिटी सरकार ते सलाह देन्दू।  कारगिल युद्ध कु बाद एक उच्च स्तरीय कमेटी तरफ बिटी सी डी एस पोस्ट की सिफारिश की गयीं छ। लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवा निवृत्त)  श्री अनिल चौहान  जीन एक बार फिर उत्तराखंड कु नौं रोशन कौर छ। उम्मीद छ कि वू सरकार और देश तें सुरक्षा कु क्षेत्र मा अग्ने लेकण जाला। धन्यवाद - शैलेन्द्र डबराल

गढ़वाली हास्य कविता (गों मा बाघ)। Garhwali Comedy Poem (Gon Ma Baagh ,Tiger in Village)

 गों जांद वक़्त दिख ग्याई बाघ, वैते देखी कन, बंद पड़ ग्यु दिमाग, नि आव देखि नि ताव, मि गयुं वख बिटिन भाग। बाघन सुणी म्यार आवाज, मेते लगु युक शिकार बनलु मि आज, बाघ अब म्यार पिछने आई, मीन भी अपड़ी चाल बढ़ाई। अग्ने अग्ने मि, पिछने पिछने बाघ, कन फुटिन म्यार भाग, मिन अपर मन मा ब्वाल, हे शैल अब तयार क्या ह्वाल । हनुमान चालीसा कु करि मिन जप, अँधेरुं हुयूँ छ बल पुरु घप, तभी समणी बिटिन दिख म्यार दगड़िया, वैन पूछी और भेजी सब बढ़िया ? मिन ब्वाल अबे निर्भगी, पिछने छ बाघ, हालात छ ख़राब, पर वेते, कुछ नि फ़िकर, किले की पीं छ्याई वैन शराब । तब मेरु दिमागम आयी एक उपाय, मिन वैकु किस्सा जपकाय, वैमन माचिस कु डिब्बी निकाल, डाली तोड़िकन बनै मशाल। आग लगे कण बाघक तरफ फरकाये और बाघ से अपरु पीछा छुटाए, घोर जैकन मि बन गयुं शेर, बड़ी बड़ी फेंकी कि बाघ ते मिन कर दियाई ढेर। ----शैलेन्द्र डबराल "शैल"-----(copyright) उत्तराखंड राज्य कु 21वीं स्थापना दिवस पर आप सब्यू कुन मेरी भेंट।

गढ़वाल कु गाँव (गढ़वाली कविता ) (Garhwali Poem)

मी छों बल गढ़वाल कु गाँव , कुई नि आन्दु यख लिण कुन छांव । कुड़ी मा बल पड़ंयां छन तालू , सुचदों छों मी, कुई युन्ते खुलना कुन आलू । यख शुद्ध छ हवा, शुद्ध छ पाणी , पर यूँते लैण कुण कुई नि आणि। बार त्योहार सब यख छ सून , खालि छ मार्च , खालि छ जून | पुंगडा मा नि छ कोई फसल ,  फैल्युं छ यख झाड झंकाड़ , फिर कुई म्यार खेती करण कुन आलू , बाटू लग्युं छ मेरो पहाड़ | ---शैलेन्द्र डबराल "शैल"-----  

उत्तराखंड कु भाषाएँ

सब्भी पढ़न वालों ते म्यार प्रणाम , आज जू लेख मि लिखनों छों वो छ हमारू उत्तराखंड कु मुख्य रूप से बुलन वाल भाषाओँ पर , क्या छ कि अजकाल गों मा ना खेती छ ना रोजगार ना मेडिकल सुविधा और ना अच्छु स्कूल ,  तो इं सभ्याँ कु बास्ते सब्भी अपड़ा नौन्यलों ते शहर लेकन जाणा छन | सब कुछ अपड दगड ले जाणा छं पर एक चीज वक्खी भूल जाणा छन वू छ अपड़ी भाषा , किले कि अब बच्चा अंग्रेजी मीडियम मा जाल तो शहरक बच्चा मजाक बनाला वेकु | यी तो बड़ी समस्या छ रे भई , अब बच्चा ते हिन्दी भी आंदी छ , अंग्रेजी भी आंदी छ, जख रैंदा छं वख क भाषा भी सीख जाल, पर अपड़ी भाषा नि आंदी रे | बात भी ठीक छ कि बच्चा ते माहोल नि मिल्द अपर भाषा बुलना कुण पर वैक बोई बुबा तो बोल सकदन अपर घौरम | आप पंजाबी लोगों ता द्याखो कखी भी हवाल अपरू भाषा नि छोड़दन, वुंका 18-19 साल कु बच्चा भी पंजाबी ब्वालल पर अपर यखक शहरों मा  रैण वाल बच्चा नि बोललू अपड़ी भाषा | पंजाबी , गुजरती , दक्षिण राज्यों कु लोग बिदेश भी अपड़ी भाषा बुल्दन पर हमर यखी कांडा लग्यां छं|  यूनेस्को संस्था दुनिया कु सब्भी भाषा की स्थिति दिखांद छ , अगर आप देखला तो द्वि हजार एक कु जनगण...

बाट लग्युं छों Garhwali song/gazal

Garhwali song/gazal मि तो त्यार बाट लग्युं छों, सुबेर बटी ह्वी ग्याई शाम, पर तु नि एई, बरखा ग्याई, चल ग्याई यू घाम। तिन तो वचन दयाई छ, जब होलु चैत कु पैलो सोमवार, तू मेसे मिलण कुंण, आली पक्को अबकी बार। यू बास्ता , खाणु पीणु छोड़ि कन, तिबारी बटी, बाट लगयूं छों, बाट लगयूं छों। जु मेरो यू नि मंणन, कि तिन अपरो वाचन त्वाड़, जिकुड़ी ते कनके मणाणं, अब बन्द कर ले यू किवाड़। त्यार छुई की समलौंणयां मा, गिची मा नि जांदू अब भात, आंखयु मा आंसू छन, कान कैक काटण यू रात। क्या यू दिन देखणा कुन, मिन तेसे माया लगाई, मिन तेसे माया लगाई, मिन तेसे माया लगाई। - शैलेन्द्र डबराल "शैल"